पिछले सप्ताह फ्लाइट से यात्रा करते समय जब डॉ. खुर्शीद गुरू ने सुना कि एक बच्चे को अस्थमा अटैक आया है तो उन्होंने एक प्लास्टिक वॉटर बॉटल, एक कप, कुछ टेप और एक ऑक्सीजन टैंक की मदद से एक नया अविष्कार कर डाला। इन छोटी छोटी चीजों की मदद से डॉ. खुर्शीद ने एक अस्थायी इनहेलर बनाकर बच्चे की जान बचा ली।
न्यू यार्क स्थित रोबोटिक सर्जरी ऐट रोसवेल पार्क कैंसर इंस्टिट्यूट के डायरेक्टर खुर्शीद गुरू के लिए इस तरह के गैजट्स बनाना नया काम नहीं था।
फ्लाइट में यात्रा के दौरान एक दो साल के बच्चे को अस्थमा का अटैक पड़ा। ऐसी स्थिति में उसे मेडिकेशन की सख्त जरूरत थी। उसके पैरंट्स ने गलती से दवाइयों को बैग में पैक कर दिया था। हजारों फीट ऊपर हवा में स्पेन से यूएस जा रही एयर कनाडा की फ्लाइट में डॉ. गुरू की नई खोज की स्किल्स की मदद से बच्चे की जान बच गई। जब डॉ. गुरू ने देखा कि बच्चे का ऑक्सीजन लेवल तेजी से नीचे गिर रहा है तो उन्होंने खतरे को पहचानते हुए जल्दी से कुछ करने का प्लान किया। उस प्लेन में सिर्फ एक ही अडल्ट इनहेलर था, जिससे मदद की बहुत ज्यादा उम्मीद नहीं थी।
पेशंट्स को ट्रीट करने के लिए हाइ-टेक रोबॉट्स के साथ काम करने वाले डॉ. ने प्लास्टिक बॉटल के होल में अडल्ट इनहेलर को जोड़ा। ऐसा करने से बच्चे के लिए सांस लेना काफी आसान हो गया। गुरू ने अपने डिजाइन को और अधिक मॉडिफाइ करते हुए एक प्लास्टिक के कप में पीछे की तरफ होल किया और उसे बॉटल से जोड़ दिया। गुरू की इस कोशिश से वह कप बच्चे के मुंह और नाक पर पूरी तरह से फिट आ रहा था। इस असामान्य से ट्रीटमेंट के बाद कुछ ही मिनट में बच्चे का ऑक्सीजन लेवल नॉर्मल हो गया। जब प्लेन की लैंडिग हुई तो वह दो साल का बच्चा अपनी मां के साथ खेल रहा था।
भारतीय मूल के डॉ. गुरू ने युनाइटेड ब्रेवरीज कलैबरेटर के साथ मिलकर RoSS नाम का पहला रोबोटिक सर्जिकल सिमुलेटर डिवलेप किया है। नवंबर में उन्हें थॉमस बी टॉमसी एमडी, पीएचडी होप अवार्ड भी दिया जाएगा।